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क्या आप ज़िंदगी में ठहराव की ख़्वाइश रखते हैं?
क्या आप ज़िंदगी में ठहराव की ख़्वाइश रखते हैं?

क्या आप ज़िंदगी में ठहराव की ख़्वाइश रखते हैं?

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क्या आप ज़िंदगी में ठहराव की ख़्वाइश रखते हैं? कैसे करे ख़ुद को तेरे प्यार के क़ाबिल? जब हम बदलते हैं, तुम शर्तें बदल देते हो! -गुलज़ार Happy Valentine’s Day to all of you!! पिछले कुछ सालों में valentines day की बात आते ही लोगों के दिमाग़ में इसकी तस्वीर कुछ ऐसी होती है की वो दिन जो love birds या किसी couple के बीच ही मनाया जाता है। लेकिन अगर प्यार का दिन कहा जाता है तो इसे सिर्फ़ couples तक ही सीमित क्यों रखा जाए? हम अपने क़रीबी दोस्तों को भी तो wish कर सकते हैं। क्यों ना उन्हें wish करके, उन्हें, हमारी ज़िंदगी में उनकी अहेमियत से वाक़िफ़ कराया जाए? जैसे की गुलज़ार साहब ने कहा, हम शर्तें ही इतनी रखते हैं की हमें हमेशा “कुछ कम है” ऐसा महसूस होता रहता है। दूसरों से ही नहीं हम तो ख़ुद के लिए भी इतनी शर्तें रखते हैं कि हमें ज़िंदगी में ठहराव नसीब ही नहीं होता है। कई बार तो हम ऊपरवाले से शिकायत करते हैं कि ये कैसा शोर। आइए सुनते हैं इस पर उस ऊपरवाले का जवाब। पूछा जो मैंने एक दिन खुदा से, अंदर मेरे ये कैसा शोर है? हँसा मुझ पर फिर बोला, चाहते तेरी कुछ और थी, तेरा रास्ता कुछ और है। रूह को सम्भालना था तुझे, पर सूरत सँवारने पर तेरा ज़ोर है। खुला आसमान, चाँद, तारे चाहत है तेरी, पर बाद दीवारों को सजाने पर तेरा ज़ोर है। सपने देखता है खुली फ़िज़ाओं के, पर बड़े शहरों में बसने की कोशिश पुरज़ोर है। Source: Unknown You can follow me at: Facebook: MothersGurukul Twitter: alpana_deo Instagram: alpanabapat , alpana_voiceovers Blog: www.mothersgurukul.com Email: batonbatonmeinpodcast@gmail.com --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/alpana-deo55/message

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